प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आजादी के नायक और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। हर साल 14 नवंबर को नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस मौके पर देशभर में बच्चों और शिक्षकों के बीच उत्सव और यादों का माहौल रहता है।
आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर संदेश साझा करते हुए कहा, 'आज हम स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती मना रहे हैं। उन्हें मेरी श्रद्धांजलि। हम स्वतंत्रता संघर्ष में उनके योगदान और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उनकी भूमिका को याद करते हैं।' नेहरू, जिन्हें बच्चों का प्रिय चाचा नेहरू कहा जाता था, भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे। उन्होंने देश को आजादी के बाद नए रास्ते दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की उनकी सोच आज भी भारत की पहचान का हिस्सा मानी जाती है। आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू ने संसद प्रणाली को मजबूत किया, वैज्ञानिक संस्थानों की नींव रखी और उद्योगों को बढ़ावा दिया। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण के लिए शिक्षा, अनुसंधान और विकास को देश की प्राथमिकताओं में शामिल किया।
देश में नेहरू जी के विचारों और आदर्शों पर चर्चा तेज
उनकी 125वीं जयंती पर देशभर में एक बार फिर उनके विचारों और आदर्शों पर चर्चा तेज हुई है। इतिहासकारों का कहना है कि नेहरू का नेतृत्व वह पुल था जिसने भारत को ब्रिटिश शासन से एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य बनने तक का सफर तय कराया। उनकी विदेश नीति, विकास की दृष्टि और संस्थानों को मजबूत करने का प्रयास आज भी देश की नीति-निर्माण में संदर्भ बिंदु की तरह मौजूद है। प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश बताता है कि नेहरू के योगदान को भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में आज भी सम्मान से देखा जाता है।